जो अपने लक्ष्य के प्रति पागल हो गया है, उसे ही प्रकाश का दर्शन होता है। जो थोडा इधर थोडा उधर हाथ मारते है, वे कोई उद्देश्य पुर्ण नही कर पाते। हा, वे कुछ क्षणो के लिए तो बडा जोश दिखाते है, किन्तु वह शीघ्र ही हो जाता है ठण्डा।
गुरुवार, 19 नवंबर 2009
ऐ खुदा कुछ कर मदद...!!!
ऐ खुदा कुछ कर मदद एक इश्क ऐसा दे दे,
हो जाए जिससे दिल की चाहत कोई !!
आसमान के चाँद जैसा हो जो निश्चल हमसफ़र ,
ऐ खुदा कुछ कर मदद हमनशी वो दे दे!
चाँद तारों की झलक हो और हो एक प्यारा दा दिल ,
बस सके उस दिल में मेरे प्रीत ऐसा दे दे !!
न हीं मुराद हो बज्म की ,न ही सिकन हो रश्म की ,
कर सके गर इश्क मेरे से भी बढ़कर नज्म की ,
ऐ खुदा एस बदनसीब को खुशनशीब वो दे दे
हो जाए जिससे दिल की चाहत कोई !!
कुछ न मांगू ऐ खुदा बस साथ ऐसा दे दे
गाता रहूँ , सुनता रहे वो ----------,
एक रात सही पर साथ ऐसा दे दे ,
हो जाए जिससे दिल की चाहत कोई,
गर न मिल सके स्वपननील मेरा वो हमसफ़र ,
ऐ खुदा एक काम कर , ले चल मुझे कुछ उस जगह ,
इश्क की जहाँ उठती
शाम हो या हो दोपहर,
सो सकूँ ताकि जहाँ मैं खावों में अपने हमसफ़र के ,
गर न मिलता हो कहीं ऐसा वतन ,
क्या कहूँ बस ऐ खुदा मेरी जिंदगी तू ले ले ,
ऐ खुदा कुछ कर मदद एक इश्क ऐसा दे दे,
हो जाया जिससे दिल की चाहत कोई !!
Posted by bthoms
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