जो अपने लक्ष्य के प्रति पागल हो गया है, उसे ही प्रकाश का दर्शन होता है। जो थोडा इधर थोडा उधर हाथ मारते है, वे कोई उद्देश्य पुर्ण नही कर पाते। हा, वे कुछ क्षणो के लिए तो बडा जोश दिखाते है, किन्तु वह शीघ्र ही हो जाता है ठण्डा।
सोमवार, 16 नवंबर 2009
जरा बताओ हमें.........दहेज़ चाहिए?
अरे किसी के दिल का टुकडा वह भी दहेज़ समेत चाहिए.
जरा बताओ हमें जवानों क्या तुम्हे दहेज़ चाहिए.
क्या विवाह की आवश्कता केवल लड़की की होती हैं.
अगर नहीं तो लड़को को धन की चाहत क्यों होती हैं.
लड़को को भी तो जीवन में जीवन साथी एक चाहिए
जरा बताओ हमें..............................................
कितना त्याग करती हैं नारी, क्या तुमने कभी सोचा हैं.
तुम क्या जानो अपने घर को तज देने का दुखः क्या होता हैं.
इस दुःख के अहसास के लिए बेटा बिदा रिवाज चाहिए.
जरा बताओ हमें..............................................
अरे किसी की बेटी लाकर तुम एहसान नहीं करते हो.
कचरा नहीं किसी के घर का जो तुम अपने घर में भरते हो.
उल्टा कन्यादान का मानना तुम्हे एहसान चाहिए.
जरा बताओ हमें..............................................
अर्धांगिनी जिसे तुम कहते हो, जिसके बिना तुम स्वयं अधूरे.
जिसके तुम सपने बुनते हो, जिसके बिना सब ख्वाब अधूरे.
उसी संगिनी को लाने को दौलत की क्या टेक चाहिए.
जरा बताओ हमें..............................................
अरे जवानों क्यों अपने यौवन को शर्मिंदा करते हो.
मर्द हो अपने पौरुष से तुम हर सुख हासिल कर सकते हो.
आज सभी ये करो प्रतिज्ञा पत्नी बिना दहेज़ चाहिए.
जरा बताओ हमें..............................................
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