शनिवार, 9 जनवरी 2010

सुन लो मेरी दर्द कहानी…



ऎ हिन्द देश के लोगों, मेरी सुन लो दर्द कहानी।
क्यों दया धर्म बिसराया, क्यों दुनिया हुई विरानी॥
जब सब को दूध पिलाया, मैं गौ माता कहलाई।
क्या है अपराध हमारा, जो काटे आज कसाई॥
बस भीख प्राण की दे दो, मैं द्वार द्वार हरि आई।
मैं सबसे निर्बल प्राणी, मत करो आज मनमानी।

         ऎ हिन्द देश के लोगों…………
जब जाऊँ कसाईखाने, चाबुक से पीटी जती।
जब उबले को तन पर, मैं सहन नहीं कर पाती॥
जब यंत्र मौत का आता, मैं हाय-हाय चिल्लाती।
मेरा कोई साथ न देता, यहाँ सब की प्रीत पहचानी॥
     
       ऎ हिन्द देश के लोगों……………
उस समदर्शी ईश्वर ने, क्यों हमको मूक बनाया।
न हाथ दिये लड्ने को, हिन्द भी हुआ पराया॥
कोई कृष्ण / मोहन बन जाओ रे, जिसने मोहे गले लगाया।
मैं फर्ज निभाऊँ माँ का, पर जग ने प्रीत न जनी॥

     ऎ हिन्द देश के लोगों……………
मैं माँ बन दूध पिलाती, तुम माँ का मांस बिकाते।
क्यों जननी के चमड़े से, तुम पैसे आज कमाते॥
मेरे बछडे अन्न उपजाते, पर तुम सब दया न लाते।
गौ हत्या बन्द करो रे, रहने दो वंश निशानी ॥



सुवर्ण-संस्कार…ॐॐॐ

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