सोमवार, 4 जनवरी 2010

परखना मत....!!!

परखना मत परखने से कोई अपना नही रहता ,
भी आइने में देर तक चेहरा नही रहता ,
बड़े लोगों से मिलने में हमेसा फासला रखो ,
जहाँ दरिया समंदर से मिला , दरिया नही रहता,
तुम्हारा शहर तो बिल्कुल नए मिजाज़ बाला है ,
हमरे शहर में भी अब कोई हमसा नही रहता ,
मोहब्बत में तो खुशबू है हमेशा साथ चलती है ,
कोई इंसान है जो तन्हाई में भी तन्हा नही रहता !!!

bthoms-sonami

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