जो अपने लक्ष्य के प्रति पागल हो गया है, उसे ही प्रकाश का दर्शन होता है। जो थोडा इधर थोडा उधर हाथ मारते है, वे कोई उद्देश्य पुर्ण नही कर पाते। हा, वे कुछ क्षणो के लिए तो बडा जोश दिखाते है, किन्तु वह शीघ्र ही हो जाता है ठण्डा।
शनिवार, 2 जनवरी 2010
पहेलि 1
बिना धोए सब खाते है, खाकर ही पछताते है, बोलो एसी चीज है क्या, कहते समय शरमाते है।
DA
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